ग्राउंड रिपोर्टः दुकानें खुलने पर बाजारों में रौनक, सोशल डिस्टेंसिंग नाकाम, सुबह-शाम बॉर्डर पर जाम

223

लॉकडाउन-4 में कुछ ढील के साथ बुधवार को दूसरे दिन भी दुकानें खुलीं। ऑड-ईवन नियम के अनुसार बाजारों में कई दुकानें 56 दिन के लॉकडाउन के बाद खुलीं, इस वजह से ज्यादातर दुकानदारों का आधा दिन साफ-सफाई में ही गुजर गया। हालांकि दूसरे दिन शाम के वक्त बाजारों में मंगलवार के मुकाबले ज्यादा चहल-पहल रही। मिठाइयों, समोसा और चाट-पकौड़े की दुकानों पर शाम के वक्त लोग पहुंचे। इसके साथ ही पान की दुकान, मोबाइल की दुकान और इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकानों में ज्यादा भीड़ रही।

लॉकडाउन में मिलने वाली ढील के बाद दिल्ली के बाजारों की रौनक बढ़ने लगी है। इस कारण सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां तो उड़ ही रही हैं, साथ ही लोगों की बातचीत से यह भी अहसास होने लगा है कि लोग अब कोरोना वायरस के साथ ही जीने का तरीका अपनाने लगे हैं। हालांकि पॉश इलाके में स्थित मार्केट की बात करें तो आसपास की कॉलोनियों के लोग कम ही बाहर शॉपिंग के लिहाज से निकल रहे हैं।

कमला नगर मार्केट हो या मॉडल डाउन, यहां इलेक्ट्रॉनिक मार्केट में अपने लिए एसी, कूलर, मिक्सी ठीक कराने और मोबाइल ठीक कराने वालों की तादाद ज्यादा देखने को मिली। उधर, पुरानी दिल्ली मार्केट की बात करें तो वही खुदरा व्यापारी बाजार पहुंचे, जिन्हें अपने-अपने इलाके में दुकान पर बिक्री के लिए आवश्यक चीजों की जरूरत थी। आम ग्राहक लगभग नदारद ही रहे। इसी तरह करोल बाग में भी भीड़ तो जरूर दिखी, लेकिन लॉकडाउन के पहले जिस तरह से भीड़ उमड़ती थी वैसा कुछ देखने को नहीं मिला।

मुखर्जी नगर, पटेल चौक, विजय नगर और नेहरू विहार मार्केट की बात करें तो यहां स्टेशनरी व कॉपी-किताब खरीदने के लिए छात्रों की भीड़ देखने को मिली। हालांकि ये छात्र किताब की दुकानों पर तो सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते दिखे, लेकिन मिठाई, चाट-पकौड़े की दुकान पर सही रूप से इसका पालन होता नहीं दिखा। सभी जल्दबाजी में ही दिखें, जिस वजह से सामाजिक दूरी का पालन नहीं दिखा। पुरानी दिल्ली के बल्लीमारान एवं चावड़ी बाजार में बुधवार को भीड़ उमड़ पड़ी।

भाजपा नेता प्रवीण शंकर कपूर ने भीड़ का फोटो ट्वीट कर कहा कि बिना किसी इंतजाम के पुरानी दिल्ली के ऐसे क्षेत्रों में जहां आसपास में रोज लोग संक्रमित हो रहे हैं, वहां भारी भीड़ जुट रही है। दिल्ली सरकार के मंत्री इमरान हुसैन और विधायक शोएब इकबाल बेपरवाह हैं।

व्यापारियों ने किया कोरोना योद्धाओं का स्वागत

बाजारों का निरीक्षण करने पहुंचे कोरोना योद्धाओं का व्यापारियों ने फूल बरसाकर स्वागत किया। बुधवार को कश्मीरी गेट थाना प्रभारी संतोष कुमार पुलिस टीम के साथ मोरी गेट की कृषि एवं ट्रैक्टर पार्ट्स मार्केट पहुंचे थे। मार्केट एसोसिएशन के प्रधान निरंजन पोद्दार समेत अन्य व्यापारियों ने उनका स्वागत किया। उन्होंने कहा कि पुलिस के सहयोग के कारण ही मार्केट में अप्रिय घटना नहीं घटी।

बॉर्डर पर चेकिंग से सुबह-शाम जाम

लॉकडाउन-4 में दफ्तरों के खुलने का आदेश मिलने के बाद सड़कों पर सुबह-शाम भारी ट्रैफिक जाम देखने को मिल रहा है। दिल्ली के कई इलाकों में गाड़ियों की लंबी-लंबी कतारें रेंगती नजर आ रही हैं। जाम लगने के पीछे बॉर्डरों पर चेकिंग को बताया जा रहा है, जबकि दिल्ली से नोएडा में प्रवेश की इजाजत बगैर आवश्यक पास वालों को नहीं दी जा रही।

इसकी वजह से नोएडा जाने वालों को वापस अपने घरों के लिए लौटना पड़ रहा है। बुधवार शाम को भी ऑफिस बंद होने के बाद काफी जाम रहा। हर कोई घर की ओर भागने की जल्दी में दिखा। विकास मार्ग स्थित यमुना ब्रिज पर बुधवार को भारी ट्रैफिक जाम दिखाई दिया।

श्रमिकों की आवाजाही के चलते दिल्ली-यूपी गाजीपुर-गाजियाबाद सीमा पर जाम जैसे हालात बने हुए हैं। कालिंदी कुुंज के रास्ते होते हुए नोएडा-फरीदाबाद जाने वालों को भी घंटों ट्रैफिक जाम का सामना करना पड़ा। बैराज के पास गाड़ियां घंटों जाम में फंसी रहीं। एनएच-24, डीएनएडी, आश्रम, रोहिणी, द्वारका, चांदनी चौक, लक्ष्मी नगर और आईटीओ सहित कई अन्य रास्तों पर जाम की समस्या देखने को मिली।

वहीं पुलिस भी अचानक बढ़े इस ट्रैफिक के दबाव से परेशान दिख रही है। ट्रैफिक को सामान्य करने में पुलिस को काफी मशक्कत लग रही है। पुलिस का कहना है कि यात्रा करने के लिए अभी दूसरे साधन पूरी तरह से नहीं चल रहे हैं, जिसकी वजह से सड़कों पर निजी वाहनों की संख्या अधिक देखने को मिल रही है।

सड़कों पर दिख रहा मजदूरों का जमावड़ा

जाम का एक बड़ा कारण प्रवासी श्रमिक भी हैं, दरअसल गाजियाबाद व नोएडा के दादरी से श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को चलाने की सूचना के बाद वह पैदल ही स्टेशनों की ओर चल पड़े हैं। सड़कों पर चल रहे यह मजदूर दिल्ली व हरियाणा के कई जिलों से पैदल ही हाईवे पर चल रहे हैं। इन मजदूरों की वजह से वाहनों की रफ्तार भी थम गई है। गाजीपुर और सीमापुरी बॉर्डर पर आधी से ज्यादा सड़कों पर मजदूरों का कब्जा है।

सम-विषम नियम से कारोबार पर असर

लॉकडाउन में छूट के बाद दिल्ली के बाजारों को सम-विषम नियम से खोला गया है। कई व्यापारी अब इसका विरोध कर रहे हैं। उनका कहना है कि इस नियम से कारोबार प्रभावित हो रहा है। इसके अलावा ग्राहकों को भी परेशानी होगी। सरकार को सभी दुकानों को एक साथ खोलने की अनुमति देनी चाहिए। खान मार्केट व्यापार संघ के अध्यक्ष संजीव मेहरा का कहना है कि अधिकतर ग्राहक ऐसे हैं। जो दुकानों को नंबर से नहीं, बल्कि नाम से जानते हैं।

ऑड-ईवन नियम से वे असमंजस की स्थिति में रहेंगे। जब दुकानदारों को पूरे महीने का किराया और बिल देना है। इसके अलावा टैक्स भी पूरा ही लिया जाएगा। फिर दुकानों को पूरे महीने खोलने की अनुमित क्यों नहीं दी जा रही है। उन्होंने कहा कि व्यापार संघ ने इस संबंध में दिल्ली के उपराज्यपाल को एक पत्र लिखा है। जिसमें मांग की गई है की बाजारों को खोलने में ऑड-ईवन नियम का प्रयोग न किया जाए।

Thank you Amar ujala