साल 2020 की शुरुआत में मुंबई के पठान गैंग का मुखिया करीम लाला तब चर्चा में आया था जब संजय राउत ने मीडिया के सामने एक बड़ा खुलासा किया था। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने दावा किया था कि पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी करीम लाला से मिलने आती थीं। इस बयान के बाद से मुंबई से लेकर दिल्ली तक की राजनीति में उथल-पुथल मच गई थी।
दाऊद इब्राहिम के डॉन बनने से पहले मुंबई में करीम लाला और हाजी मस्तान दो बड़े अंडरवर्ल्ड डॉन हुआ करते थे। ऐसा कहा जाता है कि एक बार करीम लाला ने दाऊद इब्राहिम को लात-घूसों से मारा था। अंडरवर्ल्ड समाज में करीम लाला का नाम था, आइए जानते हैं कि करीम लाला असल में था कौन…
कौन था मुंबई अंडरवर्ल्ड डॉन करीम लाला
करीम लाला का पूरा नाम अब्दुल करीम शेर खान था। 1911 में अफगानिस्तान में करीम लाला का जन्म हुआ था, वह एक संपन्न परिवार से ताल्लुक रखता था। जिंदगी में बड़ा काम करने की चाहत में करीम लाला मुंबई आया और यहां आकर छोटे मोटे काम करने शुरू किए।
करीम लाला ने सबसे पहले मुंबई के ग्रांट रोड पर एक किराए का घर लिया और वहां सोशल क्लब के नाम से जुए का अड्डा खोला। उस समय मुंबई के नामी सेठ लोग सोशल क्लब में आकर जुआ खेलते थे, जिससे करीम लाला की सेठों से थोड़ी जान पहचान हो गई थी।
हाजी मस्तान मिर्जा को भले ही मुंबई का पहला डॉन कहा जाता हो लेकिन मुंबई के अंडरवर्ल्ड के जानकार बताते हैं कि सबसे पहला माफिया डॉन करीम लाला ही था। हाजी मस्तान मिर्जा भी करीम लाला को डॉन कहा करता था।
जुए के धंधे के बाद करीम लाला ने सोने, कीमती गहनों, हीरे की तस्करी करना शुरू किया और आजादी के पहले से इस धंधे से खूब पैसा कमाया। बाद में करीम लाला तस्करी के धंधे के किंग के नाम से मशहूर हो गए और इसके बाद उसने मुंबई में कई जगहों पर दारू के के ठेके भी खोल दिए।
करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदाराजन में इलाकों का बंटवारा
1940 के दौर में मुंबई में करीम लाला, हाजी मस्तान और वरदाराजन तीनों सक्रिय थे लेकिन तीनों ने साथ मिलकर काम करने का फैसला किया। करीम लाला के समय में मुंबई में खून-खराबा नहीं होता था इसलिए तीनों ने मिलकर अपने अपने इलाके बांट दिए थे।
दाऊद इब्राहिम की पिटाई
दाऊद इब्राहिम और करीम लाला के बीच दुश्मनी का दौर शुरू हुआ और करीम लाला के पठान गैंग ने 1981 में दाऊद इब्राहिम के भाई शब्बीर की दिन दहाड़े हत्या कर दी थी जिसके बाद मुंबई की सड़कों पर खून-खराबा शुरू हो गया था।
तस्करी के धंधे में दाऊद इब्राहिम के आने से करीम लाला हैरान परेशान था। ऐसा बताते हैं कि एक बार मुंबई में ही दाऊद इब्राहिन करीम लाला के हत्थे चढ़ गया था जिसके बाद करीम लाला ने दाऊद की जमकर पिटाई की। इस दौरान दाऊद इब्राहिम को गंभीर चोटें आई थीं।
गरीबों की मदद करता था करीम लाला
लोगों के मामलों में बीच बचाव करना और मामले को निपटाना करीम लाला के लिए एक दिनचर्या जैसे बन गया था। करीम लाला की इस शख्सियत की वजह से हर समाज और संप्रदाय के लोग उसके पास मदद मांगने आते थे।
करीम लाला के यहां अमीर और गरीब का कोई फर्क नहीं था। ऐसा बताते हैं कि मुंबई में उसके घर पर शाम को जनता दरबार लगता था, जहां वो लोग से मिलता था और जरूरतमंद और गरीबों की मदद करता था।
डी कंपनी ने किया पठान गैंग का सफाया
मुंबई अंडरवर्ल्ड में 1981 से 1985 के बीच करीम लाला गैंग और दाऊद इब्राहिम के बीच गैंगवार हुआ। नतीजतन दाऊद इब्राहिम की डी कंपनी ने धीरे धीरे करीम लाला के पठान गैंग का सफाया कर दिया इस गैंगवार में दोनों गुटों के दर्जनों लोग मारे गए।
हाजी मस्तान और करीम लाला की दोस्ती लोगों के बीच मशहूर रही और 90 साल की उम्र में 19 फरवरी 2002 को मुंबई में करीम लाला की मौत हो गई। Thankyou amar ujala