जिस दिन हुए हम दूर तुमसे,
रह नहीं पाए हम,
तू नाराज़ रहा उस पल भी,
और कुछ कह नहीं पाए हम,
वो पूछ बैठा एक दिन हमसे,
भूल गए तुम पल वो सारे,
मिलके साथ जो गुज़ारे
तुम्हारे,
कुछ कह पाते हम वह चल दिआ,
हम फिर रह गए उन यादों के सहारे,
आज जो लिखने बैठे उन यादो का सिलसिला,
कि वक़्त की गुज़ारिश की ना थमे इन यादों का सिलसिला,
यादें साथ रहें तेरी तू मिला ना मिला,
तूने था मुझसे पूछ लिए मैं याद रहा या नहीं रहा,
लेकिन तू ये भूल गया तुझसे ही तो है जहाँ मेरा,
हम तो आज भी है उन यादों के सहारे,
कि देखेंगे वो चाँद तारे ज़ब होंगे साथ तुम्हारे…!!
रह नहीं पाए हम,
तू नाराज़ रहा उस पल भी,
और कुछ कह नहीं पाए हम,
वो पूछ बैठा एक दिन हमसे,
भूल गए तुम पल वो सारे,
मिलके साथ जो गुज़ारे
तुम्हारे,
कुछ कह पाते हम वह चल दिआ,
हम फिर रह गए उन यादों के सहारे,
आज जो लिखने बैठे उन यादो का सिलसिला,
कि वक़्त की गुज़ारिश की ना थमे इन यादों का सिलसिला,
यादें साथ रहें तेरी तू मिला ना मिला,
तूने था मुझसे पूछ लिए मैं याद रहा या नहीं रहा,
लेकिन तू ये भूल गया तुझसे ही तो है जहाँ मेरा,
हम तो आज भी है उन यादों के सहारे,
कि देखेंगे वो चाँद तारे ज़ब होंगे साथ तुम्हारे…!!
अमनिंदर सिंह
सिमरन सेतिया