Vikas Dubey की कानपुर में पुलिस के साथ एनकाउंटर में मौत से पहले उसकी एनकाउंटर की आशंका को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर हुई थी।
इस याचिका में उसके पांच सहयोगियों की उत्तर प्रदेश पुलिस के साथ मुठभेड़ में मौत की जांच के लिए आदेश देने की मांग की गई थी, जो दो जुलाई की रात कानपुर में 8 पुलिसकर्मियों की हत्या में शामिल थे।
याचिकाकर्ता ने दुबे की मुठभेड़ हत्या की आशंका भी व्यक्त की थी और मामले की सीबीआइ जांच की मांग की थी। वकील और याचिकाकर्ता घनश्याम उपाध्याय ने इस मामले पर तत्काल सुनवाई की मांग करते हुए गुरुवार को याचिका दायर की थी।
इसके कुछ घंटों बाद शुक्रवार को कानपुर के रास्ते में एसटीएफ अधिकारियों के साथ मुठभेड़ में गंभीर रूप से घायल होने के बाद दुबे की मौत हो गई।
उज्जैन में मध्य प्रदेश पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे यूपी पुलिस व एसटीएफ टीम आज कानपुर ला रही थी। जानकारी के अनुसार इस दौरान पुलिस का वाहन दुर्घटना ग्रस्त होकर पलट गया।
तभी विकास ने पुलिसकर्मी की पिस्टल छीनकर भागने की कोशिश की और मुठभेड़ में मारा गया।