Ola के बाद Uber ने भी किया छंटनी का फैसला, 600 कर्मचारियों को नौकरी से निकाला

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महामारी से पनपे संकट का सामना हर कोई कर रहा है। इसका सबसे ज्यादा असर उद्योग धंधों पर पड़ा है। इसके चलते UBER इंडिया ने मंगलवार को अपने 600 कर्मचारियों को नौकरी से बाहर करने की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि संक्रमण के चलते हम ऐसा करने के लिए मजबूर हैं। हालांकि कंपनी ने अपने कर्मचारियों के लिए कुछ सुविधाएं दी हैं। इससे पहले कैब एग्रीगेटर और UBER की प्रमुख प्रतिद्वंदी कंपनी OLA ने भी 1,400 कर्मचारियों की छंटनी करने का फैसला किया था।
कंपनी ने दीं यह सुविधाएं
Uber कंपनी इन कर्मचारियों के लिए कुछ सुविधाएं भी उपलब्ध करा रही है। कंपनी ने इन्हें 10 से 12 सप्ताह की सैलरी और अगले छह महीनों के लिए चिकित्सा बीमा की सभी सुविधाएं उपलब्ध कराने को कहा है। बता दें कि उबर ही नहीं देश की कई जानी मानी कंपनियां वायरस के कराण आई परेशानी के चलते अपने कर्मचारियों को नौकरी से निकाल रही हैं।

 कर्मचारियों का किया धन्यवाद
कंपनी के भारत और दक्षिण एशिया व्यवसायों के अध्यक्ष प्रदीप परमेस्वरन ने कहा कि ऐसा करते हुए हमें बेहद दुख हो रहा है। उन्होंने कहा कि आज बेहद दुखद दिन है। अपने कर्मचारियों से माफी मांगते हुए उन्होंने कहा कि मैं उबर राइडर्स और भारत में काम करने वाले ड्राइवर्स का उनके द्वारा दिए गए योगदान के लिए धन्यवाद देता हूं। हमने यह निर्णय इसलिए लिया है ताकि हम भविष्य को विश्वास के साथ देख सकें।
पटरी पर आने की कोशिश
बता दें कि भारत में मार्च के आखिरी से ही लॉकडाउन जारी है। इसके बाद से ही देश भर में सभी सार्वजनिक वाहनों को बंद कर दिया गया था। लेकिन अब चौथे चरण में सरकार ने थोड़ी राहत दी है। जिसके बाद से परिवहन सेवाएं धीरे धीरे पटरी पर आने की कोशिश कर रही हैं। वहीं कुछ इलाकों में कैब सर्विस को शुरू करने की भी अनुमति मिल चुकी है। मालूम हो कि कई शहरों में कैब सर्विस शुरू तो कर दी गई है लेकिन इस दौरान कई नियमों का सख्ती से पालन किया जा रहा है ऐसा नहीं करने पर राइड कैंसिल भी की जा सकती है। वहीं इसका अधिकार ड्राइवर और ग्राहक दोनों के पास है।
ओला ने भी लिखा कर्मचारियों को मेल
वहीं इससे पहले ओला ने घाटे से उबरने के लिए 1400 लोगों को निकालने का फैसला किया है। कंपनी का कहना है कि लॉकडाउन के दौरान उसकी कमाई में जबरदस्त गिरावट आई है। अपने कर्मचारियों को लिखे ईमेल में ओला के सीईओ भाविश अग्रवाल ने कहा है कि महामारी ने ओला की कमाई को जबरदस्त तरीके से नुकसान पहुंचाया है। पिछले दो महीने में उनकी कंपनी के रेवेन्यू में 95 फीसदी की गिरावट आई है, जिसके चलते कंपनी बुरी तरह से घाटे में है।

उन्होंने लिखा कि सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस संकट ने देशभर में हमारे लाखों ड्राइवरों और उनके परिवारों की आजीविका के साथ हमारी अंतरराष्ट्रीय भौगोलिक स्थिति को प्रभावित किया है।
भाविश अग्रवाल का कहना है कि महामारी के कारण पिछले दो महीनों में सवारी, वित्तीय सेवाओं और खाद्य कारोबार से उसकी आमदनी घटी है और इसके चलते कंपनी को कर्मचारियों को निकालने का फैसला लेना पड़ रहा है।
 
तीन महीने की दी जाएगी सैलरी
अग्रवाल ने यह साफ किया कि व्यापार का भविष्य ‘बेहद अस्पष्ट और अनिश्चित’ है और ‘निश्चित रूप से इस संकट का असर हम पर लंबे समय तक रहेगा।’ उन्होंने लिखा है कि प्रत्येक प्रभावित कर्मचारी को नोटिस अवधि के बावजूद उन्हें तीन महीने की निर्धारित सैलरी दी जाएगी। अग्रवाल ने कहा कि इस दौरान वे अनुसंधान और विकास में निवेश करेंगे। अपने ईमेल में वे आगे लिखते हैं कि जैसे-जैसे आर्थिक गतिविधि लौटती हैं, वैसे-वैसे मोबिलिटी की आवश्यकता होगी, लेकिन मानक बदल जाएंगे। इस संकट में डिजिटल कॉमर्स और क्लीन मोबिलिटी की मांग बढ़ेगी और हमारा व्यवसाय इन रुझानों का लाभ उठाने के लिए पूरी तरह से तैयार है।